Skip to main content

World Wetland day आर्द्रभूमि दिवस

पूरी दुनिया में 2 फरवरी को विश्व आर्द्रभूमि दिवस (World Wetland Day) के रूप में मनाया गया। गौरतलब है कि आर्द्रभूमि दिवस का आयोजन लोगों और हमारे ग्रह के लिये आर्द्रभूमि की महत्त्वपूर्ण भूमिका के बारे में वैश्विक जागरूकता बढ़ाने के लिये किया जाता है।

इसी दिन वर्ष 1971 में ईरान के शहर रामसर में कैस्पियन सागर के तट पर आर्द्रभूमि पर एक अभिसमय (Convention on Wetlands) को अपनाया गया था।विश्व आर्द्रभूमि दिवस पहली बार 2 फरवरी, 1997 को रामसर सम्मलेन के 16 वर्ष पूरे होने पर मनाया गया था।वर्ष 2019 के लिये विश्व आर्द्रभूमि दिवस की थीम ‘आर्द्रभूमि और जलवायु परिवर्तन’ (Wetlands and Climate Change) थी।आर्द्रभूमि/वेटलैंड्स पर रामसर अभिसमय/कन्वेंशन की स्थायी समिति द्वारा अगले दो वर्षों 2020 और 2021 के लिये स्वीकृत की गई थीम्स हैं
1.2020-आर्द्रभूमि और जैव-विविधता (Wetlands and Biodiversity)
2.2021- आर्द्रभूमि और जल (Wetlands and Water)
  • पृथ्वी पर जीवों के विकास की
    एक लंबी कहानी है इस कहानी का सार यह है कि धरती पर सिर्फ हमारा ही अधिकार नहीं है अपितु इसके विभिन्न भागों में विद्यमान करोड़ों प्रजातियों का भी इस पर उतना ही अधिकार है जितना कि हमारा।
    नदियों, झीलों, समुद्रों, जंगलों और पहाड़ों में पाए जाने वाले विभिन्न प्रकार के पादपों एवं जीवों (समृद्ध जैव-विविधता) को देखकर हम रोमांचित हो उठते हैं।
  • जब जल एवं स्थल दोनों स्थानों पर समृद्ध जैव-विविधता देखने को मिलती है तो सोचने वाली बात यह है कि जिस स्थान पर जलीय एवं स्थलीय जैव-विविधताओं का मिलन होता है वह जैव-विविधता की दृष्टि से अपने आप में कितना समृद्ध होगा?
  • दरअसल वेटलैंड (आर्द्रभूमि) एक विशिष्ट प्रकार का पारिस्थितिकीय तंत्र है तथा जैव-विविधता का एक महत्त्वपूर्ण अंग है। जलीय एवं स्थलीय जैव-विविधताओं का मिलन स्थल होने के कारण यहाँ वन्य प्राणी प्रजातियों व वनस्पतियों की प्रचुरता पाए जाने की वज़ह से वेटलैंड समृ़द्ध पारिस्थतिकीय तंत्र है।
  • आज के आधुनिक जीवन में मानव को सबसे बड़ा खतरा जलवायु परिवर्तन से है और ऐसे में यह ज़रूरी हो जाता है कि हम अपनी जैव-विविधता का सरंक्षण करें।
  • वर्ष 2017 में आर्द्रभूमियों के सरंक्षण के लिये वेटलैंड्स (सरंक्षण एवं प्रबंधन नियम) 2017 (Wetland (Conservation and Management) Rules, 2017) नामक एक नया वैधानिक ढाँचा (Legal Framework) लाया गया है।

क्या है वेटलैंड?

  • नमी या दलदली भूमि वाले क्षेत्र को आर्द्रभूमि या वेटलैंड (Wetland) कहा जाता है। दरअसल, वेटलैंड्स वैसे क्षेत्र हैं जहाँ भरपूर नमी पाई जाती है और इसके कई लाभ भी हैं।
  • आर्द्रभूमि जल को प्रदूषण से मुक्त बनाती है। आर्द्रभूमि वह क्षेत्र है जो वर्ष भर आंशिक रूप से या पूर्णतः जल से भरा रहता है।
  • भारत में आर्द्रभूमि ठंडे और शुष्क इलाकों से लेकर मध्य भारत के कटिबंधीय मानसूनी इलाकों और दक्षिण के नमी वाले इलाकों तक फैली हुई है।

क्यों महत्त्वपूर्ण हैं वेटलैंड्स?

  • बायोलॉजिकल सुपर मार्केट:
♦ वेटलैंड्स को बायोलॉजिकल सुपर-मार्केट कहा जाता है, क्योंकि ये विस्तृत भोज्य-जाल (Food-Webs) का निर्माण करते हैं।
♦ फूड-वेब्स यानी भोज्य-जाल में कई खाद्य श्रृंखलाएँ शामिल होती हैं और ऐसा माना जाता है कि फूड-वेब्स पारिस्थितिक तंत्र में जीवों के खाद्य व्यवहारों का वास्तविक प्रतिनिधित्व करते हैं।
♦ एक समृद्ध फूड-वेब समृद्ध जैव-विविधता का परिचायक है और यही कारण है कि इसे बायोलॉजिकल सुपर मार्केट कहा जाता है।
  • किडनीज ऑफ द लैंडस्केप:
♦ वेटलैंड्स को ‘किडनीज़ ऑफ द लैंडस्केप’ (Kidneys of the Landscape) यानी ‘भू-दृश्य के गुर्दे’ भी कहा जाता है।
♦ जिस प्रकार से हमारे शरीर में जल को शुद्ध करने का कार्य किडनी द्वारा किया जाता है, ठीक उसी प्रकार वेटलैंड तंत्र जल-चक्र द्वारा जल को शुद्ध करता है और प्रदूषणकारी अवयवों को निकाल देता है।
♦ जल एक ऐसा पदार्थ है जिसकी अवस्था में बदलाव लाना अपेक्षाकृत आसान है।
♦ जल-चक्र पृथ्वी पर उपलब्ध जल के एक रूप से दूसरे में परिवर्तित होने और एक भंडार से दूसरे भंडार या एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचने की चक्रीय प्रक्रिया है।
♦ जलीय चक्र निरंतर चलता है तथा स्रोतों को स्वच्छ रखता है और पृथ्वी पर इसके अभाव में जीवन असंभव हो जाएगा।
  • उपयोगी वनस्पतियों एवं औषधीय पौधों के उत्पादन में सहायक:
♦ वेटलैंड्स जंतु ही नहीं बल्कि पादपों की दृष्टि से भी एक समृद्ध तंत्र है, जहाँ उपयोगी वनस्पतियाँ एवं औषधीय पौधे भी प्रचुर मात्रा में मिलते हैं।
♦ अतः ये उपयोगी वनस्पतियों एवं औषधीय पौधों के उत्पादन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
  • लोगों की आजीविका के लिये महत्त्वपूर्ण:
⇒ दुनिया की तमाम बड़ी सभ्यताएँ जलीय स्रोतों के निकट ही बसती आई हैं और आज भी वेटलैंड्स विश्व में भोजन प्रदान करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
⇒ वेटलैंड्स के नज़दीक रहने वाले लोगों की जीविका बहुत हद तक प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इन पर निर्भर होती है।
  • पर्यावरण सरंक्षण के लिये महत्त्वपूर्ण:
⇒ वेटलैंड्स ऐसे पारिस्थितिकीय तंत्र हैं जो बाढ़ के दौरान जल के आधिक्य का अवशोषण कर लेते हैं।
⇒ इस तरह बाढ़ का पानी झीलों एवं तालाबों में एकत्रित हो जाता है, जिससे मानवीय आवास वाले क्षेत्र जलमग्न होने से बच जाते हैं।
⇒ इतना ही नहीं ‘कार्बन अवशोषण’ व ‘भू जल स्तर’ में वृद्धि जैसी महत्त्वपूर्ण भूमिकाओं का निर्वहन कर वेटलैंड्स पर्यावरण संरक्षण में अहम योगदान देते हैं।

वेटलैंड्स सरंक्षण के अंतर्राष्ट्रीय प्रयास

  • रामसर कन्वेंशन
⇒ रामसर वेटलैंड्स कन्वेंशन एक अंतर-सरकारी संधि है, जो वेटलैंड्स और उनके संसाधनों के संरक्षण और बुद्धिमतापूर्ण उपयोग के लिये राष्ट्रीय कार्य और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग का ढाँचा उपलब्ध कराती है।
⇒ 2 फरवरी, 1971 को विश्व के विभिन्न देशों ने ईरान के रामसर में दुनिया के वेटलैंड्स के संरक्षण हेतु एक संधि पर हस्ताक्षर किये थे, इसीलिये इस दिन विश्व वेटलैंड्स दिवस का आयोजन किया जाता है।
⇒ वर्ष 2015 तक के आँकड़ों के अनुसार, अब तक 169 दल रामसर कन्वेंशन के प्रति अपनी सहमति दर्ज़ करा चुके हैं जिनमें भारत भी एक है।
⇒ वर्तमान में 2200 से अधिक वेटलैंड्स हैं, जिन्हें अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व के वेटलैंड्स की रामसर सूची में शामिल किया गया है और इनका कुल क्षेत्रफल 2.1 मिलियन वर्ग किलोमीटर से भी अधिक है।
⇒ गौरतलब है कि रामसर कन्वेंशन विशेष पारिस्थितिकी तंत्र के साथ काम करने वाली पहली वैश्विक पर्यावरण संधि है।
⇒ विलुप्त हो रहे वेटलैंड्स के संबंध में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ध्यान दिये जाने का आह्वान करने के उद्देश्य से रामसर वेटलैंड्स कन्वेंशन का आयोजन किया गया था।
⇒ इस कन्वेंशन में शामिल होने वाली सरकारें वेटलैंड्स को पहुँची हानि और उनके स्तर में आई गिरावट को दूर करने के लिये सहायता प्रदान करने हेतु प्रतिबद्ध हैं।
  • रामसर कन्वेंशन में तय लक्ष्य:
⇒ इस कन्वेंशन में यह तय किया गया था कि पर्यावरण सरंक्षण के लिये अंतर्राष्ट्रीय विचार-विमर्श और सहयोग के ढाँचे की ज़रूरत है।
  • रामसर साइट्

    प्रमुख बिंदु

  • पूरी दुनिया में 2 फरवरी को विश्व आर्द्रभूमि दिवस (World Wetland Day) के रूप में मनाया गया। गौरतलब है कि आर्द्रभूमि दिवस का आयोजन लोगों और हमारे ग्रह के लिये आर्द्रभूमि की महत्त्वपूर्ण भूमिका के बारे में वैश्विक जागरूकता बढ़ाने के लिये किया जाता ह
  • इसी दिन वर्ष 1971 में ईरान के शहर रामसर में कैस्पियन सागर के तट पर आर्द्रभूमि पर एक अभिसमय (Convention on Wetlands) को अपनाया गया था
  • विश्व आर्द्रभूमि दिवस पहली बार 2 फरवरी, 1997 को रामसर सम्मलेन के 16 वर्ष पूरे होने पर मनाया गया था।
  • वर्ष 2019 के लिये विश्व आर्द्रभूमि दिवस की थीम ‘आर्द्रभूमि और जलवायु परिवर्तन’ (Wetlands and Climate Change) थी।
  • आर्द्रभूमि/वेटलैंड्स पर रामसर अभिसमय/कन्वेंशन की स्थायी समिति द्वारा अगले दो वर्षों 2020 और 2021 के लिये स्वीकृत की गई थीम्स हैं-
  • 2020- आर्द्रभूमि और जैव-विविधता (Wetlands and Biodiversity)
  • 2021- आर्द्रभूमि और जल (Wetlands and Water)
  • भूमिका
  • पृथ्वी पर जीवों के विकास की एक लंबी कहानी है और इस कहानी का सार यह है कि धरती पर सिर्फ हमारा ही अधिकार नहीं है अपितु इसके विभिन्न भागों में विद्यमान करोड़ों प्रजातियों का भी इस पर उतना ही अधिकार है जितना कि हमारा।
  • नदियों, झीलों, समुद्रों, जंगलों और पहाड़ों में पाए जाने वाले विभिन्न प्रकार के पादपों एवं जीवों (समृद्ध जैव-विविधता) को देखकर हम रोमांचित हो उठते हैं।
  • जब जल एवं स्थल दोनों स्थानों पर समृद्ध जैव-विविधता देखने को मिलती है तो सोचने वाली बात यह है कि जिस स्थान पर जलीय एवं स्थलीय जैव-विविधताओं का मिलन होता है वह जैव-विविधता की दृष्टि से अपने आप में कितना समृद्ध होगा?
  • दरअसल वेटलैंड (आर्द्रभूमि) एक विशिष्ट प्रकार का पारिस्थितिकीय तंत्र है तथा जैव-विविधता का एक महत्त्वपूर्ण अंग है। जलीय एवं स्थलीय जैव-विविधताओं का मिलन स्थल होने के कारण यहाँ वन्य प्राणी प्रजातियों व वनस्पतियों की प्रचुरता पाए जाने की वज़ह से वेटलैंड समृ़द्ध पारिस्थतिकीय तंत्र है।
  • आज के आधुनिक जीवन में मानव को सबसे बड़ा खतरा जलवायु परिवर्तन से है और ऐसे में यह ज़रूरी हो जाता है कि हम अपनी जैव-विविधता का सरंक्षण करें।
  • वर्ष 2017 में आर्द्रभूमियों के सरंक्षण के लिये वेटलैंड्स (सरंक्षण एवं प्रबंधन नियम) 2017 (Wetland (Conservation and Management) Rules, 2017) नामक एक नया वैधानिक ढाँचा (Legal Framework) लाया गया है।
  • क्या है वेटलैंड?
  • नमी या दलदली भूमि वाले क्षेत्र को आर्द्रभूमि या वेटलैंड (Wetland) कहा जाता है। दरअसल, वेटलैंड्स वैसे क्षेत्र हैं जहाँ भरपूर नमी पाई जाती है और इसके कई लाभ भी हैं।
  • आर्द्रभूमि जल को प्रदूषण से मुक्त बनाती है। आर्द्रभूमि वह क्षेत्र है जो वर्ष भर आंशिक रूप से या पूर्णतः जल से भरा रहता है।
  • भारत में आर्द्रभूमि ठंडे और शुष्क इलाकों से लेकर मध्य भारत के कटिबंधीय मानसूनी इलाकों और दक्षिण के नमी वाले इलाकों तक फैली हुई है।
  • क्यों महत्त्वपूर्ण हैं वेटलैंड्स?

  • बायोलॉजिकल सुपर मार्केट:
  •  वेटलैंड्स को बायोलॉजिकल सुपर-मार्केट कहा जाता है, क्योंकि ये विस्तृत भोज्य-जाल (Food-Webs) का निर्माण करते हैं।
  •  फूड-वेब्स यानी भोज्य-जाल में कई खाद्य श्रृंखलाएँ शामिल होती हैं और ऐसा माना जाता है कि फूड-वेब्स पारिस्थितिक तंत्र में जीवों के खाद्य व्यवहारों का वास्तविक प्रतिनिधित्व करते हैं।
  •  एक समृद्ध फूड-वेब समृद्ध जैव-विविधता का परिचायक है और यही कारण है कि इसे बायोलॉजिकल सुपर मार्केट कहा जाता है।
  • किडनीज ऑफ द लैंडस्केप:
  •  वेटलैंड्स को ‘किडनीज़ ऑफ द लैंडस्केप’ (Kidneys of the Landscape) यानी ‘भू-दृश्य के गुर्दे’ भी कहा जाता है।
  •  जिस प्रकार से हमारे शरीर में जल को शुद्ध करने का कार्य किडनी द्वारा किया जाता है, ठीक उसी प्रकार वेटलैंड तंत्र जल-चक्र द्वारा जल को शुद्ध करता है और प्रदूषणकारी अवयवों को निकाल देता है।
  •  जल एक ऐसा पदार्थ है जिसकी अवस्था में बदलाव लाना अपेक्षाकृत आसान है।
  •  जल-चक्र पृथ्वी पर उपलब्ध जल के एक रूप से दूसरे में परिवर्तित होने और एक भंडार से दूसरे भंडार या एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचने की चक्रीय प्रक्रिया है।
  •  जलीय चक्र निरंतर चलता है तथा स्रोतों को स्वच्छ रखता है और पृथ्वी पर इसके अभाव में जीवन असंभव हो जाएगा।
  • उपयोगी वनस्पतियों एवं औषधीय पौधों के उत्पादन में सहायक:
  •  वेटलैंड्स जंतु ही नहीं बल्कि पादपों की दृष्टि से भी एक समृद्ध तंत्र है, जहाँ उपयोगी वनस्पतियाँ एवं औषधीय पौधे भी प्रचुर मात्रा में मिलते हैं।
  •  अतः ये उपयोगी वनस्पतियों एवं औषधीय पौधों के उत्पादन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
  • लोगों की आजीविका के लिये महत्त्वपूर्ण:
  •  दुनिया की तमाम बड़ी सभ्यताएँ जलीय स्रोतों के निकट ही बसती आई हैं और आज भी वेटलैंड्स विश्व में भोजन प्रदान करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
  •  वेटलैंड्स के नज़दीक रहने वाले लोगों की जीविका बहुत हद तक प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इन पर निर्भर होती है।
  • पर्यावरण सरंक्षण के लिये महत्त्वपूर्ण:
  • वेटलैंड्स ऐसे पारिस्थितिकीय तंत्र हैं जो बाढ़ के दौरान जल के आधिक्य का अवशोषण कर लेते हैं।
  •  इस तरह बाढ़ का पानी झीलों एवं तालाबों में एकत्रित हो जाता है, जिससे मानवीय आवास वाले क्षेत्र जलमग्न होने से बच जाते हैं।
  •  इतना ही नहीं ‘कार्बन अवशोषण’ व ‘भू जल स्तर’ में वृद्धि जैसी महत्त्वपूर्ण भूमिकाओं का निर्वहन कर वेटलैंड्स पर्यावरण संरक्षण में अहम योगदान देते हैं।
  • वेटलैंड्स सरंक्षण के अंतर्राष्ट्रीय प्रयास
  • रामसर कन्वेंशन
  • रामसर वेटलैंड्स कन्वेंशन एक अंतर-सरकारी संधि है, जो वेटलैंड्स और उनके संसाधनों के संरक्षण और बुद्धिमतापूर्ण उपयोग के लिये राष्ट्रीय कार्य और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग का ढाँचा उपलब्ध कराती है।
  •  2 फरवरी, 1971 को विश्व के विभिन्न देशों ने ईरान के रामसर में दुनिया के वेटलैंड्स के संरक्षण हेतु एक संधि पर हस्ताक्षर किये थे, इसीलिये इस दिन विश्व वेटलैंड्स दिवस का आयोजन किया जाता है।
  •  वर्ष 2015 तक के आँकड़ों के अनुसार, अब तक 169 दल रामसर कन्वेंशन के प्रति अपनी सहमति दर्ज़ करा चुके हैं जिनमें भारत भी एक है।
  •  वर्तमान में 2200 से अधिक वेटलैंड्स हैं, जिन्हें अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व के वेटलैंड्स की रामसर सूची में शामिल किया गया है और इनका कुल क्षेत्रफल 2.1 मिलियन वर्ग किलोमीटर से भी अधिक है।
  • गौरतलब है कि रामसर कन्वेंशन विशेष पारिस्थितिकी तंत्र के साथ काम करने वाली पहली वैश्विक पर्यावरण संधि है।
  • विलुप्त हो रहे वेटलैंड्स के संबंध में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ध्यान दिये जाने का आह्वान करने के उद्देश्य से रामसर वेटलैंड्स कन्वेंशन का आयोजन किया गया था।
  •  इस कन्वेंशन में शामिल होने वाली सरकारें वेटलैंड्स को पहुँची हानि और उनके स्तर में आई गिरावट को दूर करने के लिये सहायता प्रदान करने हेतु प्रतिबद्ध हैं।
  • रामसर कन्वेंशन में तय लक्ष्य:
  •  इस कन्वेंशन में यह तय किया गया था कि पर्यावरण सरंक्षण के लिये अंतर्राष्ट्रीय विचार-विमर्श और सहयोग के ढाँचे की ज़रूरत है
  • रामसर साइट्स
  • सरंक्षण के लिये राष्ट्रीय प्रया
  • राष्ट्रीय वेटलैंड संरक्षण कार्यक्रम
  • सरकार ने वर्ष 1986 के दौरान संबंधित राज्य सरकारों के सहयोग से राष्ट्रीय वेटलैंड संरक्षण कार्यक्रम शुरू किया था।
  •  इस कार्यक्रम के अंतर्गत पर्यावरण एवं वन मंत्रालय द्वारा 115 वेटलैंड्स की पहचान की गई थी, जिनके संरक्षण और प्रबंधन हेतु पहल करने की ज़रूरत है।
  •  इस योजना का उद्देश्य देश में वेटलैंड्स के संरक्षण और उऩका बुद्धिमतापूर्ण उपयोग करना है, ताकि उनमें आ रही गिरावट को रोका जा सके।
  • क्या है आर्द्रभूमि (संरक्षण एवं प्रबंधन) नियमावली, 2017
  • विदित हो कि वर्ष 2017 में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा वेटलैंड्स के सरंक्षण से संबंधित नए नियमों को अधिसूचित किया गया है। आर्द्रभूमि (संरक्षण एवं प्रबंधन) नियमावली, 2017 पहले के दिशा-निर्देशों का स्थान लेगी, जो 2010 में लागू हुए थे।
  • नए नियमों में व्याप्त विसंगतियाँ
  •  2010 के नियमों में वेटलैंड्स से संबंधित कुछ मानदंडों को स्पष्ट किया गया था, जैसे कि प्राकृतिक सौंदर्य, पारिस्थितिक संवेदनशीलता, आनुवंशिक विविधता, ऐतिहासिक मूल्य आदि। लेकिन नए नियमों में यानी 2017 के नियमों में इन बातों का उल्लेख नहीं किया गया है।
  •  वेटलैंड्स में जारी गतिविधियों पर लगने वाला प्रतिबंध ‘बुद्धिमतापूर्ण उपयोग’ के सिद्धांत के अनुसार किया जाएगा जो कि राज्य के आर्द्रभूमि प्राधिकरण द्वारा निर्धारित किया जाएगा।
  •  नए नियमों के तहत आर्द्रभूमि संरक्षण को हानि पहुँचाने वाली गतिविधि से बचाव के लिये ऐसे दिशा-निर्देश जारी करने का अधिकार (जो कि प्रकृति में बाध्यकारी हो) किसी भी प्राधिकरण को नहीं दिया गया है।
  •  अतः स्पष्ट है कि नए नियम वेटलैंड्स सरंक्षण के लिये नाकाफी साबित होंगे।
  • नए नियमों की कुछ अच्छी बातें:
  •  दरअसल, यह कहना भी उचित नहीं होगा कि वर्ष 2017 के नियमों में सब कुछ बुरा ही है। इसमें कुछ महत्त्वपूर्ण बातें भी शामिल हैं।
  •  नए नियमों में वेटलैंड्स प्रबंधन के प्रति विकेंद्रीकृत दृष्टिकोण अपनाया गया है, ताकि क्षेत्रीय विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके और राज्य अपनी प्राथमिकताओं को निर्धारित कर सकें।
  •  ज़्यादातर निर्णय राज्य के आर्द्रभूमि प्राधिकरण द्वारा लिये जाएंगे, जिसकी निगरानी राष्ट्रीय वेटलैंड समिति द्वारा की जाएगी। इस प्रकार की व्यवस्था सहकारी संघवाद की भावना को मज़बूत करती है।
  • आगे की राह
  • दरअसल, देश में मौजूद 26 वेटलैंड्स को ही संरक्षित किया गया है, लेकिन ऐसे हज़ारों वेटलैंड्स हैं जो जैविक और आर्थिक रुप से महत्त्वपूर्ण तो हैं लेकिन उनकी कानूनी स्थिति स्पष्ट नहीं है। हालाँकि, नए नियमों में एक स्पष्ट परिभाषा देने का प्रयास किया गया है।
  • वेटलैंड्स योजना प्रबंध और निगरानी संरक्षित क्षेत्र नेटवर्क के अंतर्गत आते है। हालाँकि अनेक कानून वेटलैंड को संरक्षित करते हैं, लेकिन इनकी पारिस्थितिकी के लिये विशेष रूप से कोई कानून नहीं है।
  • इनके लिये समन्वित पहुँच आवश्यक है, क्योंकि ये बहु-उद्देश्यीय उपयोगिता हेतु आम संपत्ति हैं और इनका संरक्षण और प्रबंधन करना सभी की ज़िम्मेदारी है।
  • वैज्ञानिक जानकारी योजनाकारों को आर्थिक महत्त्व और लाभ समझाने में मदद करेगी। अतः वेटलैंड्स के वैज्ञानिक महत्त्व के प्रति नीति-निर्माताओं को जागरूक बनाना होगा।
  • जहाँ तक जागरूकता का प्रश्न है तो आम जनता को भी इन वेटलैंड्स के संरक्षण के प्रति जागरूक बनाए जाने की ज़रूरत है।
  • नए नियमों की बात करें तो वेटलैंड्स किसी विशिष्ट प्रशासनिक अधिकार क्षेत्र के तहत अंकित नहीं हैं और इस पारिस्थितिकी तंत्र के प्रबंधन की प्राथमिक ज़िम्मेदारी पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के हाथ में रही है।
  • इस दृष्टि से वेटलैंड्स के सरंक्षण जैसे संवेदनशील मामले में राज्यों की सहभागिता महत्त्वपूर्ण है लेकिन साथ में यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिये कि इनके सरंक्षण से कोई समझौता न हो

Comments

Popular posts from this blog

करेंट अफेयर्स : टेस्ट

1 .इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: यह संयुक्त राष्ट्र संघ के बाद दूसरी सबसे बड़ी अंतर-सरकारी संस्था है। भारत OIC के पर्यवेक्षक देशों में से एक है। उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? A केवल 1 B केवल 2 C 1 और 2 दोनों D न तो 1 और न ही 2   click here for answer 2 . प्रधानमंत्री जी-वन योजना के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: इसे देश में 2G इथेनॉल क्षमता निर्मित करने हेतु एक उपकरण के रूप में लॉन्च किया जा रहा है। सेंटर फॉर हाई टेक्नोलॉजी (CHT) इस योजना के लिये कार्यान्वयन एजेंसी होगी। उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? A केवल 1 B केवल 2 C 1 और 2 दोनों D न तो 1 और न ही 2     click here for answer 3. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: सरकार ने 2022 तक पेट्रोल में 10% इथेनॉल सम्मिश्रण किये जाने का लक्ष्य रखा है। तीसरी पीढ़ी के जैव ईंधन शैवाल से प्राप्त होते हैं। उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? A केवल 1 B केवल 2 C 1 और 2 द

Delhi declaration

G20 Summit: The announcement is significant as the deliberations on the Delhi declaration were clouded by the different positions on Russia-Ukraine war Prime Minister Narendra Modi at the Session-2 on 'One Family' during the G20 Summit 2023 at the Bharat Mandapam Prime Minister Narendra Modi at the Session-2 on 'One Family' during the G20 Summit 2023 at the Bharat Mandapam G20 Summit: PM Modi announced on Saturday that the leaders of G20 countries have reached a consensus on New Delhi G20 Leaders Declaration. The announcement is significant as the deliberations on the Delhi declaration were clouded by the different positions on Russia-Ukraine war. Here's the full text of the New Delhi G20 Leaders Declaration: Preamble 1. We are One Earth, One Family, and we share One Future. 2. We, the Leaders of the G20, met in New Delhi on 9-10 September 2023, under the theme ‘Vasudhaiva Kutumbakam’. We meet at a defining moment in history where the decisions we make now will dete

पाकिस्तान से छिना मोस्ट फेवर्ड नेशन क्लॉज का द्रजा। जानिए आखिर है क्या

क्या है सबसे ज्यादा फेवरेट नेशन क्लॉज मोस्ट फेवर्ड नेशन (एमएफएन)   का दर्जा कब दिया गया? मोस्ट फेवर्ड नेशन (एमएफएन)  क्या है? दरअसल एमएफएन (एमएफएन)  का मतलब है मोस्ट फेवर्ड नेशन, यानी सर्वाधिक तरजीही देश. विश्‍व व्‍यापार संगठन और इंटरनेशनल ट्रेड नियमों के आधार पर व्यापार में सर्वाधिक तरजीह वाला देश (एमएफएन) का दर्जा दिया जाता है. एमएफएन का दर्जा मिल जाने पर दर्जा प्राप्त देश को इस बात का आश्वासन रहता है कि उसे कारोबार में नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा. भारत 01 जनवरी 1995 को विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) का सदस्य बना था. डब्ल्यूटीओ बनने के साल भर बाद भारत ने पाकिस्तान को वर्ष 1996 में मोस्ट फेवर्ड नेशन (एमएफएन)  का दर्जा दिया था लेकिन पाकिस्तान की ओर से भारत को ऐसा कोई दर्जा नहीं दिया गया था . मोस्ट फेवर्ड नेशन (एमएफएन)   का दर्जा लेने की प्रक्रिया: बता दें कि विश्व व्यापार संगठन के आर्टिकल 21बी के तहत कोई भी देश उस सूरत में किसी देश से मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा वापस ले सकता है जब दोनों देशों के बीच सुरक्षा संबंधी मुद्दों पर विवाद उठ गया हो. हालांकि इसके लिए तमाम शर्तें पूर