Skip to main content

Posts

Showing posts from January 27, 2019

कल्पना चावला की जीवनी

कल्‍पना चावला अंतरिक्ष यात्री राष्ट्रीयता संयुक्त राज्य अमरीका भारत स्थिति दिवंगत जन्म 17 मार्च 1962 करनाल, हरियाणा, भारत मृत्यु 1 फ़रवरी 2003 (आयु 41 वर्ष) टेक्सास के ऊपर पिछ्ला व्यवसाय शोध वैज्यानिक अंतरिक्ष में बीता समय 31दि 14घं 54 मि चयन 1994 नासा समूह मिशन एसटीएस-८७, एसटीएस-१०७ मिशन उपलब्धियाँ    Chawla  – कल्पना चावला पहली भारतीय अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री और अन्तरिक्ष में जाने वाली  प्रथम भारतीय महिला थी। 1997 में वह अंतरिक्ष शटल मिशन विशेषज्ञ थी और 2003 में कोलंबिया अन्तरिक्ष यान आपदा में मारे गये सात यात्रियों के दल में से एक थी। कल्पना चावला प्रारंभिक जीवन – Kalpana Chawla In Hindi पूरा नाम     –  कल्पना जीन पियरे हैरिसन (विवाहपूर्व – कल्पना बनारसी लाल चावला) जन्म         –  17 मार्च 1962 जन्मस्थान  –   करनाल, पंजाब, (जो अभी हरयाणा, भारत में है) पिता          –   बनारसी लाल चावला माता         –  संज्योथी  चावला विवाह        –   जीन पियरे हैरिसन (  Kalpana Chawla Husband  ) भारत की बेटी – कल्पना चावला का जन्म 17 मार्च 1962 को करनाल में हुआ जो अभी ह

BUDGET 2019

बजट 2019 बजट 2019 बजट 2019 बजट 2019 बजट 2019 बजट 2019 बजट 2019 बजट 2019 बजट 2019 :  इस बार अंतरिम बजट जानिए अंतरिम और पूर्ण बजट में अंतर वित्त मंत्रालय द्वारा घोषणा की गई है कि वर्ष 2019-20 के लिए सरकार पूर्ण बजट की बजाय अंतरिम बजट पेश करेगी. अंतरिम बजट पेश होने की स्थिति में नई सरकार के गठन के बाद जुलाई में शेष वित्त वर्ष के लिए अनुपूरक बजट पेश करना होगा. कुछ समय पूर्व ही अरुण जेटली की अस्वस्थता के कारण  # पीयूष_गोयल  को वित्त मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है. इसलिए अपेक्षा की जा रही है कि पीयूष गोयल ही बजट पेश करेंगे. संसद का बजट सत्र 31 जनवरी 2019 से आरंभ होगा तथा 13 फरवरी 2019 तक चलेगा. ➤अंतरिम बजट क्या होता है ?  अंतरिम बजट चुनावी वर्ष में एक प्रकार की आर्थिक व्यवस्था है जिसके तहत सरकार बनने तक सरकारी खर्चों का इंतजाम करने की औपचारिकता पूरी की जाती है. नई सरकार बनाने के लिए जो समय होता है, उस अवधि के लिए अंतरिम बजट संसद में पेश किया जाता है.  इस बजट में कोई भी ऐसा फैसला नहीं किया जाता है जिसमें ऐसे नीतिगत फैसले हों

BUDGET 2019

 BUDGET 2019 *Tax* 1. Within 2 years, Tax assessment will be done electronically 2. IT returns processing in just 24 hours 3. Minimum 14% revenue of GST to states by Central Govt. 4. Custom duty has abolished from 36 Capital Goods 5. Recommendations to GST council for reducing GST rates for home buyers 6. *Full Tax rebate upto 5 lakh annual income after all deductions.* 7. Standard deduction has increase from 40000 to 50000 8. Exempt on tax on second self-occupied house 9. Ceiling Limit of TDS u/s 194A has increased from 10000 to 40000 10. Ceiling Limit of TDS u/s 194I has increased from 180000 to 240000 11. Capital tax Benefit u/s 54 has increased from investment in one residential house to two residential houses. 12. Benefit u/s 80IB has increased to one more year i.e. 2020 13. Benefit has given to unsold inventory has increased to one year to two years. *Other Areas* 14. State share has increased to 42% 15. PCA restriction has abolished from 3 major

Group77

The Group of 77 (G-77) was established on 15 June 1964 by seventy-seven developing countries signatories of the "Joint Declaration of the Seventy-Seven Countries" issued at the end of the first session of the United Nations Conference on Trade and Development (UNCTAD) in Geneva. Beginning with the first Ministerial Meeting of the Group of 77 in Algiers in 1967 which adopted the Charter of Algiers, a permanent institutional structure gradually developed which led to the creation of Chapters of the Group of 77 in Rome (FAO), Vienna (UNIDO), Paris (UNESCO), Nairobi (UNEP) and the Group of 24 in Washington, D.C. (IMF and World Bank). Although the membership of the G-77 has increased to 133 countries, the original name was retained because of its historic significance. Aims As the largest Third World coalition in the United Nations, the Group of 77 provides the means for the developing world to articulate and promote its collective economic interests and enhance its joint ne

तटीय नियमन क्षेत्र (Coastal Regulation Zone-CRZ) अधिसूचना,

कुछ समय पहले भारत सरकार ने तटीय नियमन क्षेत्र (Coastal Regulation Zone-CRZ) अधिसूचना, 2018 को मंजूरी दी है। इससे तटीय क्षेत्रों में गतिविधियाँ काफी बढ़ जाएंगी, जिसके परिणामस्‍वरूप आर्थिक विकास की रफ्तार भी बढ़ेगी। इससे न केवल बड़ी संख्‍या में रोज़गारों का सृजन होगा, बल्कि बेहतर जीवन के साथ-साथ देश की अर्थव्‍यवस्‍था में मूल्‍य-वर्द्धन (Value Addition) भी सुनिश्चित होगा। इस अधिसूचना से तटीय क्षेत्रों की अतिसंवेदनशीलता में कमी आने के साथ-साथ उनकी हालत में भी सुधार होगा। इसके साथ ही तटीय क्षेत्रों के संरक्षण संबंधी सिद्धांतों को भी इस अधिसूचना में ध्‍यान में रखा गया है। नीली अर्थव्यवस्था में तटीय आर्थिक क्षेत्र नीली अर्थव्यवस्था यानी   ब्लू इकोनॉमी  भारत के आर्थिक विकास कार्यक्रम का महत्त्वपूर्ण घटक है और भारत का 95 प्रतिशत से अधिक का कारोबार समुद्र के जरिये होता है। ‘इंडियन ओशन रिम एसोसिएशन’ की रूपरेखा के जरिये भारत नीली अर्थव्यवस्था को वहनीय, समावेशी और जन आधारित तरीके से प्रोत्साहित करने के पक्ष में है। भारत का राष्ट्रीय दृष्टिकोण (Security and Growth for All in the Region-  SA

Coastal Regulation Zone

Under the Environment Protection Act, 1986 of India, notification was issued in February 1991, for regulation of activities in the coastal area by the Ministry of Environment and Forests (MoEF). As per the notification, the coastal land up to 500m from the High Tide Line (HTL) and a stage of 100m along banks of creeks, estuaries, backwater and rivers subject to tidal fluctuations, is called the Coastal Regulation Zone(CRZ). CRZ along the country has been placed in four categories. The above notification includes only the inter-tidal zone and land part of the coastal area and does not include the ocean part. The notification imposed restriction on the setting up and expansion of industries or processing plaits etc. in the said CRZ. Coastal Regulation Zones(CRZ) are notified by the govt of India in 1991 for the first time. Under this coastal areas have been classified as CRZ-1, CRZ-2, CRZ-3, CRZ-4. And the same they retained for CRZ in 2003 notifications as well ➤CRZ-1: these are eco

करप्शन परसेप्शन इंडेक्स-2018

हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय गैर-सरकारी संगठन  ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल  (Transparency International) ने  करप्शन परसेप्शन इंडेक्स-2018/ भ्रष्टाचार बोध सूचकांक सूचकांक में भारत की स्थिति ➤इस सूचकांक के अनुसार, भ्रष्टाचार के क्षेत्र में भारत की स्थिति में सुधार हुआ है, लेकिन अभी भी काफी कुछ किया जाना शेष है। ➤ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल द्वारा जारी इस सूचकांक के अनुसार, भारत भ्रष्टाचार के मामले में 180 देशों की सूची में   78वें स्थान   पर   है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2017 में भारत इस सूचकांक में 81वें स्‍थान पर था ➤ इस बार भारत को इस सूचकांक के अंतर्गत 41 अंक प्राप्त हुए हैं, जबकि वर्ष 2017 और 2016 में भारत को 40 अंक प्राप्त हुए थे तथा 2015 में भारत को 38 अंक प्राप्त हुए थे। भारत के पड़ोसी देशों की स्थिति चीन 39 अंकों के साथ 87वें स्‍थान पर। श्रीलंका और इंडोनेशिया 38 अंकों के साथ 89वें स्‍थान पर। पाकिस्‍तान 33 अंकों के साथ 117वें स्‍थान पर। मालदीव और नेपाल 31 अंकों के साथ 124वें स्‍थान पर। भूटान 68 अंकों के साथ 25वें स्थान पर। म्‍याँमार 29 अंकों के साथ 132वें स्‍थान पर।

What is world economic forum

The World Economic Forum, based in Cologny-Geneva, Switzerland, was founded in 1971 as a not-for-profit organization. It gained formal status in January 2015 under the Swiss Host-State Act, confirming the role of the Forum as an International Institution for Public-Private Cooperation.  

विश्व आर्थिक मंच की वार्षिक बैठक 2019

Details about WEF click on this link विश्व आर्थिक मंच की वार्षिक बैठक 2019 Details about WEF click on this link हाल ही में, दावोस मेंं पांच दिवसीय विश्व आर्थिक मंच की वार्षिक बैठक जनवरी 2019 मेंं निम्न पर चर्चा की गई हैं 1.जलवायु परिवर्तन, 2.बढ़ती असमानता 3.अमेरिका-चीन व्यापार तनाव  सहित वैश्विक अर्थव्यवस्था के सामने आने वाली चुनौतियों पर चर्चा हुई। इस वर्ष का विषय वैश्वीकरण 4.0 था, जिसमें एक मजबूत सांस्कृतिक आयाम शामिल है। वैश्वीकरण प्रौद्योगिकी और विचारों, लोगों और वस्तुओं की आवाजाही से प्रेरित एक घटना है। जबकि भूमंडलीकरण एक विचारधारा है जो राष्ट्रीय हितों पर नवउदारवादी वैश्विक व्यवस्था को प्राथमिकता देती है। एक 'डिजिटल घोषणा', जो व्यवसायों को डिजिटल नागरिकों की गोपनीयता का सम्मान करने के लिए कहता है; व्यक्तिगत डेटा को सुरक्षित और पारदर्शी तरीके से संभालना; साइबर खतरों को कम करने के लिए सार्थक कदम उठाएं, और सुनिश्चित करें कि हर कोई डिजिटल अर्थव्यवस्था में भाग ले सकता है क्योंकि यह ऑनलाइन उत्पीड़न का मुकाबला करते हुए विकसित होता है, पर भी हस्ताक्षर किए गए थे। वैश

भारत ने पीआईएसए बहिष्कार समाप्त किया

भारत और आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (OECD) ने 2021 में होने वाले अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के आकलन (PISA) के लिए कार्यक्रम में भारत की भागीदारी को सक्षम करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। भारत 2009 में अपने निराशाजनक प्रदर्शन के कारण 2012 और 2015 में पीआईएसए से दूर रहा, जब इसे 74 देशों के देशों में 72 वें स्थान पर रखा गया था। भारत ने इस पद्धति की आलोचना करते हुए कहा कि प्रश्न "संदर्भ से बाहर" थे। इस प्रकार, भारत ने PISA के 2012 और 2015 के चक्र में भाग नहीं लिया। PISA क्या है? पीआईएसए हर तीन साल में आयोजित एक अंतर्राष्ट्रीय सर्वेक्षण है, जो कि ऑर्गनाइजेशन फॉर इकोनॉमिक कोऑपरेशन एंड डेवलपमेंट (OECD) द्वारा समन्वित है। पहली बार 2000 में आयोजित, अध्ययन का प्रमुख डोमेन प्रत्येक चक्र में पढ़ने, गणित और विज्ञान के बीच घूमता है। यह एक योग्यता-आधारित परीक्षण है, जो 15 वर्षीय उम्मीदवारों की क्षमता का आकलन करने के लिए डिज़ाइन किया गया है जो अपने ज्ञान को वास्तविक जीवन स्थितियों में लागू करने के लिए हर तीन साल में उनके पढ़ने, गणित और विज्ञान की साक्षरता को मापते हैं। PISA म

Air pollution

                  Air pollution वायु प्रदूषण तब होता है जब गैसों, कणों और जैविक अणुओं सहित हानिकारक या अत्यधिक मात्रा में पदार्थ पृथ्वी के वायुमंडल में पेश किए जाते हैं। यह बीमारियों, एलर्जी और यहां तक कि मनुष्यों की मृत्यु का कारण बन सकता है; यह अन्य जीवित जीवों जैसे जानवरों और खाद्य फसलों को भी नुकसान पहुंचा सकता है और प्राकृतिक या निर्मित पर्यावरण को नुकसान पहुंचा सकता है। मानव गतिविधि और प्राकृतिक प्रक्रिया दोनों वायु प्रदूषण उत्पन्न कर सकते हैं।                                    सबसे खराब प्रदूषित स्थानों की रिपोर्ट में इंडोर वायु प्रदूषण और खराब शहरी वायु गुणवत्ता को दुनिया की दो सबसे जहरीली प्रदूषण समस्याओं के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। 2014 के विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार, 2012 में वायु प्रदूषण ने दुनिया भर में लगभग 7 मिलियन लोगों की मौत का कारण बना,  अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी से एक अनुमान के अनुसार लगभग एक अनुमान लगाया।  प्रदूषक  एक वायु प्रदूषक हवा में एक सामग्री है जो मनुष्यों और पारिस्थितिक तंत्र पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है। पदार्थ ठ