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BUDGET 2019



बजट 2019
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बजट 2019इस बार अंतरिम बजट जानिए अंतरिम और पूर्ण बजट में अंतर
वित्त मंत्रालय द्वारा घोषणा की गई है कि वर्ष 2019-20 के लिए सरकार पूर्ण बजट की बजाय अंतरिम बजट पेश करेगी. अंतरिम बजट पेश होने की स्थिति में नई सरकार के गठन के बाद जुलाई में शेष वित्त वर्ष के लिए अनुपूरक बजट पेश करना होगा.
कुछ समय पूर्व ही अरुण जेटली की अस्वस्थता के कारण #पीयूष_गोयल को वित्त मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है. इसलिए अपेक्षा की जा रही है कि पीयूष गोयल ही बजट पेश करेंगे. संसद का बजट सत्र 31 जनवरी 2019 से आरंभ होगा तथा 13 फरवरी 2019 तक चलेगा.
➤अंतरिम बजट क्या होता है?
  1.  अंतरिम बजट चुनावी वर्ष में एक प्रकार की आर्थिक व्यवस्था है जिसके तहत सरकार बनने तक सरकारी खर्चों का इंतजाम करने की औपचारिकता पूरी की जाती है.
  2. नई सरकार बनाने के लिए जो समय होता है, उस अवधि के लिए अंतरिम बजट संसद में पेश किया जाता है.
  3.  इस बजट में कोई भी ऐसा फैसला नहीं किया जाता है जिसमें ऐसे नीतिगत फैसले हों जिसके लिए संसद की मंजूरी लेनी पड़े या फिर कानून में संशोधन की जरूरत हो.
  4.  अंतरिम बजट की परंपरा है कि इसमें डायरेक्ट टैक्स, जिसमें इनकम टैक्स शामिल है, उसमें कोई बदलाव नहीं किया जाता है.
  5. अप्रत्यक्ष करों में भी कम बदलाव किया जाता है. सरकार यदि कोई चीज सस्ती करनी चाहे तो वह इंपोर्ट, एक्साइज या सर्विस टैक्स में थोड़ी राहत दे सकती है.
  6.  आम तौर पर हर सरकार की अपनी राजकोषीय योजनाएं होती हैं और वह उसी के मुताबिक धन का आवंटन करती हैं.

➤अंतरिम बजट और लेखानुदान (वोट ऑन अकाउंट) में अंतर
  1.  केंद्र सरकार जब पूरे वित्त वर्ष की बजाय कुछ महीनों के लिए संसद से आवश्यक खर्चों के लिए अनुमति मांगती है तो वह अंतरिम बजट की बजाय वोट ऑन अकाउंट अथवा लेखानुदान पेश कर सकती 
  2. अंतरिम बजट और वोट ऑन अकाउंट दोनों ही कुछ ही महीनों के लिए होते हैं लेकिन दोनों के पेश करने के तरीके में अंतर होता है.
  3. अंतरिम बजट में केंद्र सरकार खर्च के अलावा राजस्व का भी ब्यौरा देती है जबकि लेखानुदान में सिर्फ खर्च के लिए संसद से मंजूरी मांगती है.

भारत में बजट कैसे पारित होता है?
  1.  वित्त मंत्रलाय द्वारा बजट तैयार किये जाने के बाद सरकार बजट पेश करने के लिए एक तारीख सुझाती है. इसके बाद लोकसभा सचिवालय के सेक्रेटरी जनरल राष्ट्रपति की इस पर मंजूरी मांगते हैं.
  2.  वित्त मंत्री लोकसभा में बजट पेश करते हैं. इसमें महत्वपूर्ण बिंदुओं और प्रस्तावों का जिक्र किया जाता है.
  3.  वित्त मंत्री के बजट भाषण के दो हिस्से होते हैं. पहले हिस्से में आर्थिक सर्वेक्षण और नीतिगत घोषणाओं का एलान होता है, दूसरे हिस्से में टैक्स से जुड़ी घोषणाएं होती है  वित्त मंत्री के भाषण के बाद राज्य सभा के पटल पर वार्षिक वित्तीय विवरण  रखा जाता है.
  4. बजट पेश किये जाने के बाद अगले दिन से बजट पर दो हिस्सों में चर्चा होती है –                                आम चर्चा और विस्तृत बहस.
  5.  सदन का कोई भी सदस्य वितरित अनुदान में कटौती की मांग कर सकता है. इसके लिए डिसअप्रूवल ऑफ पॉलिसी कट, इकोनॉमी कट, टोकन कट की मांग की जा सकती है.
  6.  इसके बाद लोकसभा में अप्रोप्रिएशन बिल वोटिंग के लिए पेश किया जाता है. अप्रोप्रिएशन बिल के बाद फाइनेंस बिल पर विचार किया जाता है. संसद इसे मनी बिल के तौर पर पास करती है.
  7. बिल पेश किए जाने के 75 दिन के अंदर इसे दोनों सदनों और भारत के राष्ट्रपति की मंजूरी की जरूरत होती है. फाइनेंस बिल के पास होने और राष्ट्रपति के इस पर हस्ताक्षर होने के बाद बजट प्रक्रिया संपन्न हो जाती है.
BUDGET 2019 की मुख्य बातें

► वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली के शीघ्र स्वस्थ और दीर्घायु की कामना के साथ की बजट भाषण की शुरुआत।
► पांच साल में भारत वैश्विक स्तर पर सबसे बेहतर निवेश स्थल बना।
► सरकार ने कमरतोड़ महंगाई की कमर तोड़ी।
► दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना भारत।
► राजकोषीय घाटे को कम करने में सफलता हासिल की। चालू खाते का घाटा नियंत्रित किया। यह 6 साल पहले 5.6 प्रतिशत की ऊंचाई से घटकर 2.5 प्रतिशत पर आया।
► दोहरे अंक की मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने में कामयाबी मिली।
► दिसंबर 2018 में महंगाई दर घटकर 2.18 प्रतिशत पर आई।
► पिछले पांच साल में देश में 239 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आया।
► शैक्षणिक संस्थानों में अतिरिक्त 25 प्रतिशत सीटें उपलब्ध कराई जाएंगी ताकि कम ना पड़ें सीटें।
► मनरेगा के लिए 2019-20 में 60,000 करोड़ रुपये आवंटित किए जा रहे हैं।
► प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के लिए 2019-20 के बजट में 19,000 करोड़ रुपये का आवंटन।
► पिछले पांच साल में एक करोड़ 53 लाख घर बनाए गए।
► मार्च 2019 तक सभी घरों को मिल जाएगी बिजली।
► 2.6 लाख के पुनर्पूंजीकरण से सरकारी बैंकों की स्थिति ठीक की।
► हरियाणा में शुरू होने जा रहा है देश का 22वां एम्स।
► 10 लाख लोगों का इलाज आयुष्मान भारत के तहत हुआ। लोगों को करीब 3000 करोड़ रुपये का लाभ मिला।
► प्रधानमंत्री किसान योजना में दो लाख हेक्टेयर तक की जमीन वाले छोटे किसानों को 6,000 रुपये प्रति वर्ष मिलेंगे। तीन किस्तों में मिलेगा पैसा। पहली किस्त जल्द।
► बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ महाराष्ट्र और ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स को पीसीए के प्रतिबंधों को हटाया गया। बाकी बैंक भी जल्द ही नियमित व्यवस्था में आएंगे।
► किसानों का फसल ऋण 2018-19 में 11 लाख 68 हजार करोड़ रुपये हुआ।
► 75,000 करोड़ रुपये प्रधानमंत्री किसान योजना के लिए आवंटित।
► पिछले दो साल में कर्मचारी भविष्य निधि में सदस्यता में दो करोड़ की वृद्धि हुई।
► पिछले पांच साल में देश में 239 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आया।
► महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर सरकार ने 98 प्रतिशत ग्रामीण स्वच्छता हासिल की। लोगों की सोच बदली।
► पशुपालन के लिए किसानों को कर्ज पर दो प्रतिशत ब्याज सहायता देगी सरकार।
► सभी किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराए जाएंगे।
► ओआरओपी के लिए 35,000 करोड़ रुपये वितरित किए गए।
► पहली बार रक्षा बजट तीन लाख करोड़ रुपये से ज्यादा।
► रेलवे के ब्रॉडगैज नेटवर्क पर मानवरहित क्रॉसिंग खत्म।
► पांच साल में एक लाख डिजिटल विलेज बनाने का लक्ष्य।
► कर संग्रह में पांच साल में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई।
► कल्याणकारी कार्यक्रम चलाने के लिए की जाएगी कल्याण किसान बोर्ड की स्थापना।
► प्रधानमंत्री श्रमयोगी मान धन योजना के लिए 500 करोड़ रुपये आवंटित। संगठित क्षेत्र के 15,000 रुपये प्रतिमाह कमाने वालों को 60 साल के बाद 3,000 रुपये प्रति माह की पेंशन योजना दी जाएगी।
► आंगनवाड़ी आशा कार्यकर्ताओं का मानदेय 50 प्रतिशत बढ़ाया गया।
► गायों के आनुवांशिकी को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय कामधेनू आयोग बनाया जाएगा।
► श्रमिकों की न्यूनतम मासिक पेंशन 1,000 रुपये तक की।
► सभी किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड दिया जाएगा।
► कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआई) नियम के तहत पात्रता 15,000 से बढ़ाकर 21,000 रुपये प्रतिमाह वेतन की गई।
► राष्ट्रीय गोकुल योजना के लिए 2019-20 के बजट में 750 करोड़ रुपये का आवंटन।
► प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत 15.56 करोड़ लाभार्थियों को 7.23 लाख करोड़ रुपये का कर्ज दिया।
► सिक्किम हवाई अड्डा खुलने के बाद 100 से अधिक ऑपरेशनल हवाई अड्डे हो गए। घरेलू हवाई यात्रियों की संख्या 5 साल में दोगुनी हो गई।
► मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम पहली बार देश के रेलवे मानचित्र पर आए।
► सरकारी उद्यमों की कुल खरीद में छोटे उद्यमों से आपूर्ति को बढ़ाकर 25 प्रतिशत किया गया। इसमें भी तीन प्रतिशत आपूर्ति महिला उद्यमियों के उद्यम से करने का नियम बनाया।
► रेलवे की योजनाओं के लिए 2019-20 में आम बजट से 64,587 करोड़ रुपये आवंटित। वर्ष के दौरान रेलवे का कुल पूंजीगत खर्च 1,58,658 करोड़ रुपये होगा।
► पिछले 5 वर्षों में मोबइल डेटा खपत 50 गुना बढ़ी। भारत में मोबाइल डेटा की मूल्य दर विश्व में सबसे सस्ती दरों में से एक।
► एक लाख डिजिटल गांव बनाने की योजना। पिछले पांच साल में 34 करोड़ जन-धन खाते खोले गए।
► भारतीय फिल्म निर्माताओं के लिए शुरू होगी एकल खिड़की मंजूरी व्यवस्था।
► पिछले वर्ष जितने भी आयकर रिटर्न दाखिल हुए। उनमें 99.54 प्रतिशत रिटर्न फाइल करते ही बिना जांच के स्वीकृत किए गए।
► आयकर विभाग को ऑनलाइन किया गया। आयकरदाता अधिकारी का आमना-सामना नहीं होगा।
► अप्रत्यक्ष कर संग्रह 2013-14 के 6.38 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर इस साल 12 लाख करोड़ रुपये हुआ।
► जीएसटी के तहत पांच करोड़ से कम का कारोबार करने वाले कारोबारियों को तीन महीने में एक बार ही रिटर्न भरना पड़ेगा ।
► चालू वित्त वर्ष के दौरान औसत मासिक जीएसटी संग्रह 97,100 करोड़ रुपये रहा जबकि 2017-18 में यह 89,700 करोड़ रुपये पर थी। जनवरी 2019 में जीएसटी संग्रह एक लाख तीन हजार करोड़ रुपये के आसपास रहने का अनुमान।
► नोटबंदी के बाद एक करोड़ से अधिक लोगों ने पहली बार रिटर्न भरा। नोटबंदी से कर आधार बढ़ा।
► सरकार के कालाधन रोधी उपायों और कदमों से 1,30,000 करोड़ रुपये का काला धन पकड़ा गया।
► कालाधन रोधी उपायों के चलते 3.38 लाख मुखौटा कंपनियों का पंजीकरण समाप्त किया गया। बेनामी कानून के तहत 6,900 करोड़ रुपये की घरेलू संपत्ति जब्त की गई जबकि 1,600 करोड़ रुपये की विदेशी संपत्ति जब्त की गई।
► भारत आज पूरी दुनिया के लिए अंतरिक्ष प्रक्षेपण का केंद्र बन गया है। गगनयान के साथ 2022 तक भारतीय यात्री अंतरिक्ष में पहुंचेगा।
► परिवहन क्षेत्र की क्रांति में ई-वाहनों के जरिये भारत करेगा विश्व का नेतृत्व। घटेगा प्रदूषण, देश की कच्चे तेल पर निर्भरता कम होगी और वह आत्मनिर्भर बनेगा।
► अगले पांच साल में एक लाख डिजिटल गांव बनाए जाएंगे।
► पूर्वोत्तर क्षेत्र का 2019-20 के लिए बजट आवंटन 21 प्रतिशत बढ़ाकर 58,166 करोड़ रुपये किया गया।
► राष्ट्रीय शिक्षा योजना के लिए आवंटन 32,334 करोड़ रुपये से बढ़कर 38,570 करोड़ रुपये किया गया।
► पांच लाख रुपये तक की व्यक्तिगत आय को पूरी तरह कर से छूट दी जाएगी।
► चालू वित्त वर्ष के दौरान संशोधित व्यय 13.3 प्रतिशत बढ़कर 24,57,235 करोड़ रुपये रहने का अनुमान। अगले वित्त वर्ष 2019-20 के लिए इसके 27,84,200 करोड़ रुपये रहने का अनुमान।
► एकीकृत बाल विकास योजना के लिए 27,584 रुपये। केंद्र द्वारा वित्तपोषित योजनाओं के लिए 3,27,679 करोड़ रुपये आवंटित।
► पांच लाख रुपये तक की व्यक्तिगत आय पूरी तरह से कर मुक्त होगी और विभिन्न निवेश उपायों के साथ 6.50 लाख रुपए तक की व्यक्तिगत आय पर कोई कर नहीं देना होगा।

Nomadic के लिये समिति का गठन


नीति आयोग के तहत एक समिति का गठन किया जाएगा, जिसका काम गैर-अधिसूचित, घुमंतू और अर्द्ध-घुमंतू (Nomadic) समुदायों को औपचारिक रूप से वर्गीकृत करना होगा। सरकार द्वारा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के अंतर्गत एक कल्याण विकास बोर्ड का भी गठन किया जाएगा, जिसका उद्देश्य गैर-अधिसूचित, घुमंतू और अर्द्ध-घुमंतू समुदायों के कल्याण और विकास कार्यक्रमों को कार्यान्वित करना होगा। बोर्ड समुदायों तक पहुँच के लिये विशेष रणनीतियाँ बनाना और कार्यान्वित करना भी सुनिश्चित करेगा। आपको बता दें कि विकास व कल्याण कार्यक्रमों की पहुँच इन समुदायों तक नहीं हो पाती है, क्योंकि घुमंतू और अर्ध-घुमंतू समुदाय जीवनयापन के लिये एक जगह से दूसरी जगह भटकते रहते हैं। रेनके आयोग और आईडेट आयोग ने इन समुदायों की पहचान का काम किया और इन समुदायों की सूची बनाई है।

विज़न डॉक्यूमेंट 2030 के 10 खास आयाम


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