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Showing posts from March 31, 2019
90 वस्तुओं को मारने वाले घातक कवक के संबंध में चेतावनी चर्चा क्यों? चिली में आयोजित विश्व आर्गेनाइजेशन फॉर एनिमेशनल हेल्थ एक्वेटिक कॉन्फ्रेंस (वर्ल्ड ऑर्गनाइजेशन फॉर एनिमल हेल्थ एक्वाटिक कॉन्फ्रेंस) में एक अमेरिकी जीवविज्ञानी ने चेतावनी दी है कि उभयचरों को प्रभावित करने वाली एक घातक बीमारी वैश्विक महामारी के रूप: सामने आई है जो पहले ही 90 के दशक में है का सफाया कर चुका है। प्रमुख बिंदु Chytridiomycosis नामक यह रोग बत्राचोचाइट्रियम डेंड्रोबैटिडिस नामक एक कर्ट के कारण होता है जो मेंढकों, उभयचर मेधकों (Toads) और अन्य उभयचरों की त्वचा पर हमला करता है। ये जीव सांस लेने के लिए त्वचा का उपयोग करते हैं और अपने शरीर के जल स्तर को नियंत्रित करते हैं, इस रोग की वज़ह से होने वाली क्षति अंतत: हृदयाघात और मृत्यु का कारण बनती है। वैज्ञानिकों द्वारा यह पहली वैश्विक जंगली बीमारी '(पहली वैश्विक जंगली बीमारी) अभी तक  sixty  से अधिक देशों में फ़ैल चुकी है और एक बड़ी समस्या के रूप में सामने है। इस अत्यधिक संक्रामक बीमारी के कारण पिछले पांच वर्षों में पहले ही लगभग 90 प्रजातियाँ गायब हो चुकी हैं
जीव विज्ञान और पर्यावरण केरल में मकड़ी की नई प्रजाति पाई गई संदर्भ हाल ही में कोच्चि के सेक्रेड हार्ट कॉलेज के जंतु वैज्ञानिकों द्वारा एर्नाकुलम के इलिथोडु जंगलों में पहली बार कूदने वाली मकड़ियों के एक समूह को देखा गया है। प्रमुख बिंदु मकड़ी की यह प्रजाति मुख्यतः यूरेशिया और अफ्रीका में पाई जाती है और ‘हैब्रोसेस्टेम जीनस’ (Habrocestum) से जुड़ी एक नई प्रजाति है। टीम को अलग-अलग दिखने वाली कई मकड़ियाँ मिली जिनमें से छह सफेद और क्रीमी-पीले पैच के साथ लाल-भूरे रंग एवं काले रंग की थी। अध्ययन में यूरोपीय हैब्रोस्टेम मकड़ियों के साथ तुलना करने पर पता चला है कि इलिथोडु में पाई गई मकड़ियाँ पूरी तरह से एक नई प्रजाति है क्योंकि उनके पास अलग-अलग प्रजनन अंग हैं। मकड़ियों के पहले दोनों पैरों के नीचे एक लंबी रीढ़ होती है और इसलिये इसका वैज्ञानिक नाम ‘हैब्रोसेस्टेम लॉन्गिस्पिनम’ (Habrocestum longispinum ) रखा गया है। वैज्ञानिकों ने कहा है कि अनियमित पर्यटन गतिविधियों और जलवायु परिवर्तन से इन छोटे जीवों के अस्तित्व को खतरा हो सकता है। अध्ययन में पाया गया कि ये मकड़ियाँ यूरेशिया अफ्रीका
भारत सरकार प्रेस सचना Þय ू ू रो प्रेस नोट िसिवल सेवा परीक्षा, 2018 सघं लोक सेवा आयोग ɮवारा िसतàबर-अक्तू बर, 2018 मɅ आयोिजत िसिवल सेवा परीक्षा, 2018 के िलिखत भाग तथा फ़रवरी-माच,र् 2019 मɅ आयोिजत åयिक्त×व परीक्षण हेतुसाक्षा×कार के पिरणामɉ के आधार पर (i) भारतीय प्रशासिनक सेवा; (ii) भारतीय िवदेश सेवा; (iii) भारतीय पुिलस सेवा; और (iv) कɅद्रीय सेवाओं, ग्रपु “क” तथा ग्रपु “ख” मɅ िनयुिक्त के िलये िजन उàमीɮवारɉ की अनु शंसा की गई है, की सची ू योग्यता क्रम मɅ नीचे दी गई है। 2. कुल िमलाकर 759 उàमीदवारɉ की िनयुिक्त हेतु अनु शंसा की गई है, िजनका िववरण िनàनानु सार है: सामाÛ य  अ.िप.व. अ.जा. अ.ज.जा. कुल 361 (10 बɅचमाकर् िवकलांगता - 1 वाले, 09 बɅचमाकर् िवकलांगता -2 वाले, 08 बɅचमाकर् िवकलांगता -3 वाले तथा 01 बɅचमाकर् िवकलांगता -5 वाले सिहत ) 209 (01 बɅचमाकर् िवकलांगता -1 वाले, 02 बɅचमाकर् िवकलांगता - 2 वाले, 02 बɅचमाकर् िवकलांगता -3 वाले तथा शÛयू बɅचमाकर् िवकलांगता -5 वाले सिहत ) 128 (शÛयू बɅचमाकर् िवकलांगता -1 वाले, शÛयू बɅचमाकर् िवकलांगता -2 वाले, 01 बɅचमाकर् िवकलांगता -3 वाले तथा 01 बɅचमाकर् िवकलांगत

upsc result 2018

GOVERNMENT OF INDIA PRESS INFORMATION BUREAU PRESS NOTE CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2018 Based on the results of the written part of Civil Services Examination, 2018 held by the Union Public Service Commission in September-October, 2018 and the interviews for Personality Test held in February-March, 2019, following is the list, in order of merit, of candidates who have been recommended for appointment to: (i) Indian Administrative Service; (ii) Indian Foreign Service; (iii) Indian Police Service; and (iv) Central Services, Group ‘A’ and Group ‘B’ 2. A total number of 759 candidates have been recommended for appointment as per following break-up: GENERAL OBC SC ST TOTAL 361 (incl. 10 PwBD-1, 09 PwBD-2, 08 PwBD-3 & 01 PwBD-5) 209 (incl. 01 PwBD-1, 02 PwBD-2, 02 PwBD-3 & Nil PwBD-5) 128 (incl. Nil PwBD-1, Nil PwBD-2, 01 PwBD-3 & 01 PwBD-5) 61 (incl. Nil PwBD-1, 01 PwBD-2, Nil PwBD-3 & Nil PwBD-5) 759 (incl. 11 PwBD-1, 12 PwBD-2, 11 PwBD-3 & 02 PwBD-5) 3. In accordance
PRESS INFORMATION BUREAU PRESS NOTE CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2018 Based on the results of the written part of Civil Services Examination, 2018 held by the Union Public Service Commission in September-October, 2018 and the interviews for Personality Test held in February-March, 2019, following is the list, in order of merit, of candidates who have been recommended for appointment to: (i) Indian Administrative Service; (ii) Indian Foreign Service; (iii) Indian Police Service; and (iv) Central Services, Group ‘A’ and Group ‘B’ 2. A total number of 759 candidates have been recommended for appointment as per following break-up: GENERAL OBC SC ST TOTAL 361 (incl. 10 PwBD-1, 09 PwBD-2, 08 PwBD-3 & 01 PwBD-5) 209 (incl. 01 PwBD-1, 02 PwBD-2, 02 PwBD-3 & Nil PwBD-5) 128 (incl. Nil PwBD-1, Nil PwBD-2, 01 PwBD-3 & 01 PwBD-5) 61 (incl. Nil PwBD-1, 01 PwBD-2, Nil PwBD-3 & Nil PwBD-5) 759 (incl. 11 PwBD-1, 12 PwBD-2, 11 PwBD-3 & 02 PwBD-5) 3. In accordance with Rule 16 (4) &a

गोडावन–पृथ्वी का नूर

धरती का कोहिनूर बन चुका है. गोडवान को बचाना एक चुनौती है. इस नूर को बचाने के हर संभव प्रयास करने का अंतिम समय आ गया है. संरक्षण की स्थिति (Conservation Status) : भारतीय वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 में गोडावन को – अनुसूची-I (भाग III) में रखा गया है. आईयूसीएन (IUCN) द्वारा गंभीर रूप से लुप्तप्राय (Critically Endangered–CR) प्रजाति के रूप में वर्गीकृत किया गया है. ग्रेट इंडियन बस्टर्ड (GIB) का हैबिटैट : ये ज्यादातर शुष्क और अर्ध शुष्क घास के मैदानों में पाए जाते हैं. विशिष्ट पहचान (Special Characteristics) : नर गोडवान का आकार पैरों सहित शीर्ष (crown) चोटी तक 90 से 120 सेमी और मादा का शीर्ष (crown) के ऊपर तक 70 से 90 सेंटीमीटर के बीच होता है. वयस्क नर का वजन 15-18 कि.ग्रा. व मादा का 7-9 कि.ग्रा. होता है. गोडवान के पंखों का  रंग ब्राउन-सफेद तथा सिर काले रंग का होता है. ग्रेट इंडियन बस्टरर्ड गिद्ध की तुलना में काफी बड़ा होता है. माथे पर एक काला मुकुट होता है, ऊपरी शरीर भूरे रंग का पर गर्दन बहुत हल्के पीले (लगभग सफ़ेद) रंग की होती है, थोड़ी दूरी से ही यह सफ़ेद रंग की दिखती है. ए

Rajasthan announces Project Great Indian Bustard

फोटो क्रेडिट:  राधेश्याम बिश्नोई राजस्थान, ग्रेट इंडियन बस्टर्ड की अंतिम शेष आबादी में से एक है, जिसने गंभीर रूप से लुप्तप्राय पक्षी की आबादी को पुनर्प्राप्त करने के लिए एक योजना बनाई है। 5 जून को, राज्य ने 12 करोड़ रुपये की परियोजना की घोषणा की, जो इस वर्ष से शुरू की जानी है। सबसे भारी उड़ने वाले पक्षियों में से एक, ग्रेट इंडियन बस्टर्ड का वजन 15 किलोग्राम तक हो सकता है और ऊंचाई में एक मीटर तक बढ़ सकता है। यह प्रमुख घास के मैदान की प्रजाति मानी जाती है, जो चारागाह पारिस्थितिकी के स्वास्थ्य का प्रतिनिधित्व करती है। अभी 200 से कम पक्षी बचे हैं, जिनमें से लगभग 100 राजस्थान में हैं। लंबे समय से, संरक्षणवादी इस आबादी को सुरक्षित करने की मांग कर रहे थे, यह चेतावनी देते हुए कि आने वाले दशकों में पक्षी विलुप्त हो सकता है, इस स्थिति में यह हाल के दिनों में चीता के बाद भारत से गायब होने वाली पहली मेगा प्रजाति बन जाएगी। 1980 के दशक तक, लगभग 1,500-2,000 ग्रेट इंडियन बस्टर्ड पूरे भारत के पश्चिमी हिस्से में फैले हुए थे, जो ग्यारह राज्यों में फैले हुए थे। हालांकि, बड़े पैमाने पर शिकार और घटते

करेंट अफेयर्स एक पंक्ति में: 03 अप्रैल 2019

                                                        करेंट अफेयर्स •    वह देश जिसके कृषि विभाग ने घोषणा किया है कि बिल्लियों पर जानलेवा प्रयोग अब नहीं किए जाएंगे जिनके कारण बीते 37 वर्षों में हज़ारों बिल्लियां मारी जा चुकी हैं- अमेरिका •    संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय संघ के मुताबिक, युद्ध, जलवायु आपदाओं जैसे कारणों से पैदा हुए खाद्य संकट के चलते पिछले वर्ष दुनिया के जितने देशों के करीब 11.13 करोड़ लोगों को घोर भुखमरी का सामना करना पड़ा-53 •    गृह मंत्रालय ने साल 2018 का दिल्ली का सबसे अच्छा पुलिस स्टेशन जिसे घोषित किया है- कश्मीरी गेट पुलिस स्टेशन •    वह देश जिसके राष्ट्रपति अब्दुलअज़ीज़ बूतेफ़्लीका ने 20 वर्षों के शासन के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया है- अल्जीरिया •    चुनाव आयोग ने तमिलनाडु में राफेल डील पर जिस भाषा में लिखी गई किताब 'नट्टई उलुक्कम राफेल' के लॉन्च पर रोक लगा दी- तमिल •    सेना द्वारा सिंधु नदी पर 40 दिन में बनाए गये 260 फुट लम्बे लोहे के सस्पेंशन पुल का नाम है – मैत्री ब्रिज •    वह रिपोर्ट जिसके अनुसार वायु प्रदूषण की वजह से 2017