महाराणा प्रताप का जन्म कुम्भलगढ़ दुर्ग में हुआ था। महाराणा प्रताप की माता का नाम जयवंता बाई था, जो पाली के सोनगरा अखैराज की बेटी थी। महाराणा प्रताप को बचपन में कीका के नाम से पुकारा जाता था।
राणा उदयसिंह केे दूसरी रानी धीरबाई जिसे राज्य के इतिहास में रानी भटियाणी के नाम से जाना जाता है, यह अपने पुत्र कुंवर जगमाल को मेवाड़ का उत्तराधिकारी बनाना चाहती थी | प्रताप केे उत्तराधिकारी होने पर इसकेे विरोध स्वरूप जगमाल अकबर केे खेमे में चला जाता है |
महाराणा प्रताप का प्रथम राज्याभिषेक मेंं 28 फरवरी, 1572 में गोगुन्दा में होता हैै, लेकिन विधि विधानस्वरूप राणा प्रताप का द्वितीय राज्याभिषेक 1572 ई. में ही कुुंभलगढ़़ दुुर्ग में हुआ, दूूूसरे राज्याभिषेक में जोधपुर का राठौड़ शासक राव चन्द्रसेेन भी उपस्थित थे |राणा प्रताप ने अपने जीवन में कुल ११ शादियाँ की थी उनके पत्नियों और उनसे प्राप्त उनके पुत्रों पुत्रियों के नाम है
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राणा उदयसिंह केे दूसरी रानी धीरबाई जिसे राज्य के इतिहास में रानी भटियाणी के नाम से जाना जाता है, यह अपने पुत्र कुंवर जगमाल को मेवाड़ का उत्तराधिकारी बनाना चाहती थी | प्रताप केे उत्तराधिकारी होने पर इसकेे विरोध स्वरूप जगमाल अकबर केे खेमे में चला जाता है |
महाराणा प्रताप का प्रथम राज्याभिषेक मेंं 28 फरवरी, 1572 में गोगुन्दा में होता हैै, लेकिन विधि विधानस्वरूप राणा प्रताप का द्वितीय राज्याभिषेक 1572 ई. में ही कुुंभलगढ़़ दुुर्ग में हुआ, दूूूसरे राज्याभिषेक में जोधपुर का राठौड़ शासक राव चन्द्रसेेन भी उपस्थित थे |राणा प्रताप ने अपने जीवन में कुल ११ शादियाँ की थी उनके पत्नियों और उनसे प्राप्त उनके पुत्रों पुत्रियों के नाम है
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- महारानी अजब्धे पंवार :- अमरसिंह और भगवानदास
- अमरबाई राठौर :- नत्था
- शहमति बाई हाडा :-पुरा
- अलमदेबाई चौहान:- जसवंत सिंह
- रत्नावती बाई परमार :-माल,गज,क्लिंगु
- लखाबाई :- रायभाना
- जसोबाई चौहान :-कल्याणदास
- चंपाबाई जंथी :- कल्ला, सनवालदास और दुर्जन सिंह
- सोलनखिनीपुर बाई :- साशा और गोपाल
- फूलबाई राठौर :-चंदा और शिखा
- खीचर आशाबाई :- हत्थी और राम सिंह
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