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पृथ्वी के आंतरिक भाग में अप्रत्याशित परिवर्तन





हाल ही में ब्रिटिश जियोलॉजिकल सर्वे (British Geological Survey-BGS) द्वारा किये गए एक अध्ययन में पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र में अप्रत्याशित परिवर्तन पाया गया।
महत्त्वपूर्ण बिंदु

    हाल ही में ब्रिटिश जियोलॉजिकल सर्वे द्वारा पृथ्वी के उत्तरी ध्रुवों में अप्रत्याशित बदलाव पाया गया पृथ्वी का चुंबकीय उत्तरी ध्रुव कनाडा में अपनी वर्तमान स्थिति से साइबेरिया की तरफ बढ़ रहा है।

    इस बदलाव के चलते भू-भौतिकीविदों द्वारा विश्व चुंबकीय मॉडल पर पुनर्विचार किया जा रहा है जो नेविगेशन उद्देश्यों के लिये उपयोग किया जाता है।
    विश्व चुंबकीय मॉडल (World Magnetic Model-WMM) कोर और बड़े पैमाने पर क्रस्टल मैग्नेटिक फील्ड (crustal magnetic field) का एक मानक मॉडल है।
    इसका उपयोग यूनाइटेड किंगडम और अमेरिका द्वारा रक्षा उद्देश्यों हेतु नेविगेशन के लिये किया जाता है, नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गनाइजेशन (North Atlantic Treaty Organization - NATO) और इंटरनेशनल हाइड्रोग्राफिक ऑर्गनाइजेशन (International Hydrographic Organization - IHO) भी इसका प्रयोग करते है। इसके अलावा इसका उपयोग व्यापक रूप से नागरिक नेविगेशन में भी किया जाता है।
    वैज्ञानिकों का मानना है कि इस तरह के बदलाव का सबसे बड़ा कारण पृथ्वी के आंतरिक भाग में मौजूद तरल आयरन (लोहे) में अप्रत्याशित परिवर्तन आना है।
    सर्वेक्षण के अनुसार, वर्तमान में पृथ्वी की गति एक साल में लगभग 50 किलोमीटर है। जबकि 1900 से 1980 के बीच इसकी गति बहुत कम थी, लेकिन पिछले 40 वर्षों में इसमें तेज़ी से वृद्धि हुई है।
    वर्ष 2015 में विश्व चुंबकीय मॉडल को पाँच साल (2015 – 2020) के लिये तैयार किया गया था, लेकिन अमेरिकी सेनाओं द्वारा इस अप्रत्याशित बदलाव होने से लिये इसकी प्रारंभिक समीक्षा की बात कही जा रही है।
    वर्तमान परिदृश्य में सेल फोन की मैपिंग सुविधा से लेकर समुद्र और हवाई जहाजों को पार करने वाले, लगभग सभी तकनीकी इसको उपयोग में लाते हैं, जिसे विश्व चुंबकीय मॉडल के रूप में जाना जाता है।

भौगोलिक ध्रुव बनाम चुंबकीय ध्रुव


भौगोलिक ध्रुव (Geographic Poles)

    पृथ्वी भौगोलिक उत्तरी और दक्षिणी ध्रुवों पर घूमती है। भौगोलिक उत्तर और दक्षिणी ध्रुव वे हैं जहाँ देशांतर (मेरिडियन) की रेखाएँ उत्तर से दक्षिण तक मिलती हैं। दक्षिणी और उत्तरी ध्रुव सीधे एक दूसरे के विपरीत हैं।

चुंबकीय उत्तरी ध्रुव

    पृथ्वी एक बड़े चुंबक के रूप में कार्य करता है।
    पृथ्वी के आतंरिक भाग (Core) में मुख्यतः ठोस लोहा पाया जाता है। यह मुख्यतः तरल धातु के घेरे में अवस्थित होता है।
    पृथ्वी की कोर में बहने वाली तरल धातु विद्युत धाराओं का निर्माण करती है, जो बदले में हमारे चुंबकीय क्षेत्र का निर्माण करती है।
    चुंबकीय उत्तरी ध्रुव उत्तरी कनाडा के एल्समेरे द्वीप पर एक बिंदु है जहां से आकर्षण की उत्तरी रेखाएं पृथ्वी में प्रवेश करती हैं।
    इसका मतलब है कि एक कम्पास सुई चुंबकीय उत्तरी ध्रुव की ओर इशारा करती है - जो भौगोलिक उत्तर से अलग है।

अंतर्राष्ट्रीय हाइड्रोग्राफिक संगठन (IHO)

    अंतर्राष्ट्रीय हाइड्रोग्राफिक संगठन एक अंतर-सरकारी परामर्शदाता और तकनीकी संगठन है जिसे वर्ष 1921 में नेविगेशन की सुरक्षा एवं समुद्री पर्यावरण की सुरक्षा का समर्थन करने के लिये स्थापित किया गया था।
    भारत भी IHO का सदस्य है।

संगठन का उद्देश्य:

    राष्ट्रीय हाइड्रोग्राफिक कार्यालयों की गतिविधियों का समन्वय करना।
    समुद्री चार्ट और दस्तावेजों एकरूपता लाना।
    हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण करने और उनके लाभ हेतु विश्वसनीय एवं कुशल तरीकों को अपनाना।
    हाइड्रोग्राफी के क्षेत्र में विज्ञान का विकास और समुद्रशास्त्र में तकनीक का उपयोग करना।

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