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विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी चर्चा में क्यों? 23 दिसंबर, 2018 को भारत ने परमाणु क्षमता संपन्न लंबी दूरी की इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (Inter Continental Ballistic Missile) अग्नि- IV का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। प्रमुख बिंदु सतह-से-सतह पर मार करने वाली इस सामरिक मिसाइल का परीक्षण डॉ. अब्दुल कलाम द्वीप पर स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज (Integrated Test Range-ITR) के लॉन्च कॉम्प्लेक्स-4 से किया गया। इस द्वीप को पहले व्हीलर द्वीप (Wheeler Island) के नाम से जाना जाता था। मोबाइल लॉन्चर के ज़रिये लॉन्च किये गए इस मिसाइल के उड़ान प्रदर्शन की ट्रैकिंग और निगरानी रडार, ट्रैकिंग सिस्टम और रेंज स्टेशन से की गई। अग्नि- IV मिसाइल का यह 7वाँ परीक्षण था। इससे पहले मिसाइल का परीक्षण 2 जनवरी, 2018 को भारतीय सेना के रणनीतिक बल कमान (strategic force command -SFC) ने इसी बेस से किया था। अग्नि- I, II, III और पृथ्वी जैसी बैलिस्टिक मिसाइलें सशस्त्र बलों के शस्त्रागार में पहले से ही शामिल हैं जो भारत को प्रभावी रक्षा क्षमता प्रदान करती हैं। अग्नि-IV की विशेषताएँ स्वदेशी तौर पर विकसित व

Computer technology

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी हाल ही में गृह मंत्रालय ने एक आदेश जारी किया, जिसमें सूचना प्रौद्योगिकी नियम 2009 के नियम 4 के साथ सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम-2000 की धारा 69 की उपधारा (1) की शक्तियों का प्रयोग करते हुए सुरक्षा एवं खुफिया एजेंसियों को किसी संदिग्ध कंप्यूटर में संग्रहीत सूचनाओं तथा डेटा और कॉल की निगरानी के लिये अधिकृत किया गया है।