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अक्षांश और देशांतर रेखाएं क्या हैं


 

अक्षांश और देशांतर रेखाएं क्या हैं? (latitude and longitude in hindi)

अक्षांश और देशांतर काल्पनिक रेखाएं हैं जिससे पृथ्वी पर किसी जगह की स्थिति का पता लगाया जा सकता है।

पृथ्वी का आकार Geoid रूप में है। उदाहरणस्वरूप नई दिल्ली की स्थिति 28॰ N एवं 77॰ E है।

अक्षांश (Latitude in Hindi)

अक्षांश पृथ्वी के मध्य भाग से, सतह पर किसी बिंदु का कोणीय दूरी है। इसका मापीकरण डिग्री में किया जाता है। ध्रुवीय भागों पर पृथ्वी चपटा है, अतः ध्रुवों पर अक्षांश के डिग्री की दूरी इक्वेटर भाग के मुकाबले ज्यादा है।

उदाहरणस्वरूप इक्वेटर (0॰) पर यह दूरी 68.074 मील  है, 45॰ पर यह दूरी 69.054 मील है एवं ध्रुव पर यह दूरी 69.407 मील है। औसतन दूरी 69 मील है।

अक्षांश के अन्य महत्वपूर्ण भाग

विषुवत वृत्त या इक्वेटर (0॰), उत्तरी ध्रुव (90॰ N) एवं दक्षिणी ध्रुव (90॰ S) के अलावा कुछ और प्रमुख बिंदु हैं:

  • कर्क रेखा (Tropic of कैंसर) – यह उत्तरी गोलार्ध में 23 1/2॰ N में स्थित है।
  • मकर रेखा (Tropic of Capricorn) – यह दक्षिणी गोलार्द्ध 23 1/2॰ S में स्थित है।
  • आर्कटिक गोला – यह विषुवत वृत्त के उत्तर में  66 1/2॰ N अक्षांश पर स्थित है।
  • अंटार्कटिक गोला – यह विषुवत वृत्त के दक्षिणी भाग में 66 1/2 ॰ S अक्षांश पर स्थित है।

पृथ्वी के अक्षांशीय ऊष्मा जोन (Earth’s Latitudinal Heat Zones in Hindi)

कर्क रेखा एवं मकर रेखा के बीच के सभी अक्षांशों पर सूर्य साल में कम से कम एक बार दोपहर के समय (mid day sun)  सर पर होता है। पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा सूर्य की रौशनी पृथ्वी के इस भाग को मिलती है, अतः इसे उष्ण (torrid) जोन कहा गया है।

इन दोनों रेखाओं के बीच के जगहों को छोड़कर कहीं भी दोपहर के समय सूर्य सर के ऊपर नहीं चमकता। ध्रुवों की तरफ पहुँचते पहुँचते सूर्य के किरणों का कोण घटता चला जाता है।

इस कारणवश उत्तरी गोलार्द्ध में आर्कटिक रेखा एवं कर्क रेखा  तथा दक्षिणी गोलार्द्ध में अंटार्कटिक रेखा एवं मकर रेखा वाले क्षेत्रों में तापमान ज्यादातर समय समान रहता है। अतः इन क्षेत्रों को तापमान जोन भी कहा जाता है।

उत्तरी गोलार्द्ध में उत्तरी ध्रुव एवं आर्कटिक गोले का हिस्सा एवं दक्षिणी गोलार्द्ध में दक्षिणी ध्रुव एवं अंटार्कटिक गोले का हिस्सा बहुत ठंडा प्रदेश है।

ऐसा इसलिए है क्योंकि इन इलाकों में सूर्य की किरणें सीधी रूप से नहीं पड़ती और क्षितिज (horizon) से ऊपर नहीं उठती।

अतः इस इलाके में इसकी किरणें हमेशा तिरछी रहती हैं। अतः इन इलाकों को frijid zone में रखा गया है।

देशांतर (Longitude in Hindi)

देशांतर एक प्रकार की कोणीय दूरी है, जिसका मापीकरण डिग्री में विषुवत वृत्त के सामानांतर मानक मध्याह्न रेखा के पूर्वी या पश्चिमी भाग के तहत किया जाता है।

ग्लोब पर देशांतर को बहुत सारे अर्ध गोलों के रूप में दिखाया गया है जो विषुवत वृत्त को काटते हुए एक ध्रुव से दूसरे ध्रुव तक पहुँचते हैं।

अक्षांश में माप लेते वक्त विषुवत वृत्त (0॰)  से शुरुआत की जाती है, लेकिन देशांतर का माप लेते वक्त किसी भी मध्याह्न से शुरुआत कर दी जाती थी, कोई निश्चित बिंदु नहीं हुआ करता था।

अतः साल 1884 एक अन्तराष्ट्रीय समझौते में यह निश्चित किया गया कि लंदन के पास ग्रीनविच में जो रॉयल एस्ट्रोनॉमिकल ऑब्जर्वेटरी है, उसको ० मध्याह्न माना गया जहाँ से देशांतर की सभी रेखाएं कट कर निकलती हैं।

यह Prime मध्याह्न है जहाँ से सारे मध्याह्न पूर्व एवं पश्चिम की तरफ 180॰ दोनों तरफ तक फ़ैल जाते हैं। जैसे जैसे समानांतर अक्षांश की रेखायें ध्रुवीय क्षेत्रों में कम होती जाती है, वैसे ही देशांतर रेखायें जो ध्रुव पर पहुँच कर मील जाती हैं, एक छोटा स्थान ले लेती हैं।

देशांतर रेखाओं का सबसे महत्वपूर्ण काम यह है कि वह GMT या ग्रीनविच मीन टाइम के आधार पर किसी भी क्षेत्र का समय निकालने के काम आते हैं। GMT को World Time भी कहा गया है।

देशांतर और समय (Longitude & Time in Hindi)

पृथ्वी 360॰ का एक चक्कर लगाने में एक दिन या 24 घंटा लेता है यानि एक घंटा में 15॰ तय करता है एवं 1॰ चार मिनट में तय करता है।

पृथ्वी पश्चिम से पूर्व की और घूमता है यानि की हम जैसे ही पश्चिम से पूर्व की ओर 15॰ तय करते हैं समय एक घंटा आगे हो जाता है।

वैसे ही हम पश्चिम की ओर 15॰ आगे जाते हैं, समय एक घंटा पीछे हो जाता है। अतः हम यह मान सकते हैं कि ग्रीनविच के पूर्वी तरफ सूर्य जल्दी उदय होता है एवं पश्चिमी भाग में सूर्य देर से उदय होता है।

अगर आप GMT को लेकर अवगत हैं तो किसी भी जगह का समय आसानी से निकाल सकते हैं। इसके लिए दिए हुए अक्षांश से तय की गई दूरी को बढ़ाना या घटना है।

मानक समय एवं समय जोन (time zone)

अगर हर शहर का अपने मध्याह्न के हिसाब से समय को मान कर रखने लगे तो उस शहर और दूसरे शहर के स्थानीय समय में काफी अंतर आ जायगा।

किसी देश में एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाते समय किसी को हमेशा अपने घड़ी का समय बदलते रहना होगा, जोकि असुविधाजनक है।

इस प्रकार के परेशानियों को त्यागने के लिए सभी देशों द्वारा एक मानक समय का पालन किया जाता है। ज्यादातर देश अपने यहाँ के मानक मध्याह्न के हिसाब से समय निश्चित करते हैं।

जिन देशों का क्षेत्रफल बड़ा है जैसे कि USA, कनाडा, रूस, चीन – यहाँ एक मानक समय जोन होना मुश्किल है, अतः क्षेत्र के हिसाब से कई माने गए हैं।

USA एवं कनाडा में पांच समय जोन हैं – अटलांटिक, पूर्वी, मध्य, पहाड़ी एवं पैसिफिक समय जोन। अटलांटिक एवं पैसिफिक समय जोन के बीच का अंतर पांच घंटा है। रूस में नौ समय जोन है।

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